Monday, February 15, 2010

मौसम मतवाला



-डॉ. कीर्ति काले

उपसंपादक, कवि सम्मेलन समाचार





मौसम मतवाला
पिला गया सबको ही बैरी
पूरी मधुशाला


दादाजी बोले दादी से- चलो सनीमा जाएंगे
मिलकर डिस्को डान्स करेंगे जरा नहीं शरमाएंगे
मैं हूँ देवानन्द अभी तुम मेरी मधुबाला

छोटे देवरिया को भाए बड़की भाभी के नखरे
जेठ और नन्दोई जी के संयम के मोती बिखरे
और ससुर जी भी बालों को करने लगे काला

वृन्दावन की कुञ्ज गलिन में निकली ग्वालों की टोली
बचती डोले राधारानी भींज गई चूनर चोली
हाथों में पिचकारी लेकर ढूँढे नन्दलाला


कवि सम्मेलन में कवियों ने छककर भंग चढ़ाई रे
कविता करना छोड़ लगे करने वो हाथापाई रे
बेचारे संयोजक जी का निकला दीवाला

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